Usha sharma

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लेखनी प्रतियोगिता -03-Aug-2023


शीर्षक :क्यों याद करें हम... 

क्यों याद करें अब हम उन बीती बातों का,
अंजाम यही होता है मुहब्बत के वादों का।

संग संग जो गुनगुनाए थे नग्में वो वफ़ा के,
वक़्त के हाथों मजबूर, मासूम हालातों का।

ख्वाबों से परे जिंदगी लेती है बैशाख इम्तिहान,
सब कुछ नहीं मिल पाता दिल की चाहतों का।

मिलने बिछुड़ने की एक पहेली सी है ये जिंदगी,
अब तो ताउम्र उससे वादा है कदम मिलाने का।
 
आती हवाओं से महके जाते हैं यादों के पराग, 
अपने से है किया वादा अब यूँ वफ़ा निभाने का।
©उषा शर्मा ✍️ 

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3 Comments

Woow,,, beautiful lines

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Abhinav ji

04-Aug-2023 07:06 AM

Very nice 👍

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Reena yadav

04-Aug-2023 12:52 AM

👍👍

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